Life Lesson (11)

Strive not to be a success, but rather to be of value. — Albert Einstein जीवन के सबक (११) कोशिश करें — सफल होने की नहीं , बल्कि उपयोगी होने की । — ऐल्बर्ट आइन्श्टाइन
Self-Realisation (4)

“I will not look at another’s bowl intent on finding fault” — a training to be observed — Gautam Buddha आत्मबोध (४) “मैं किसी दूसरे को, उसकी ग़लतियों को खोजने की दृष्टि से नहीं देखूंगा” – यह एक अनुसरण करने लायक अभ्यास है । — गौतम बुद्ध Image Credit: Prashanth Gopalan (https//www.worldhistory.org/image/4064/seated-buddha-figure-displaying-dharmachakra-mudra/)
अहिंसा की शुरुआत

अहिंसा की शुरुआत शक था मन में ज़िंदगी, हिंसा बिना कैसे जीऊँ,कोई आए मारने तो शांति से पिटता रहूँ?धर्म ये कहता नहीं, कायर बने दुबके रहो,आत्मरक्षा भाव से, खुद की सदा रक्षा करोहिंसा क्षय करने के आगे, आयेंगे मौके कईक्यों नहीं वाणी के संयम, से इसे शुरुआत दो ?है सही कि, राह लंबी, है बड़ी […]
Cry of a newborn

Why do babies cry at birth? हिन्दी में पढ़िये A “free” soul, for liberation from “Karma”Enters the domain of “physical life” once again A new cycle beginsA future life takes form Not consciousness, but a shape developsIt has no idea of anything around, just grows up with the help of nature Then consciousness awakens,A “free” […]
नवजात का क्रंदन

पैदा होते ही बच्चा रोता क्यों है? Read in English एक स्वछंद आत्मा, कर्म मुक्ति हेतुफिर एक बार भौतिक जीवन मे प्रवेश करती है एक नया चक्र शुरू होता हैएक भावी जीवन रूप लेता है चेतना नहीं लेकिन एक आकार विकसित होता हैअपने आस-पास से अनजान, बस प्रकृति के सहारे बढ़ता जाता है फिर जागती […]
Prosperous Nation or Healthy Society?
To wok or not to work 70 hours a week? That is the question. Little over a month back, a statement made by Mr Narayana Murthy, in an interview with Mr. Mohandas Pai (https://www.youtube.com/watch?v=uk4B40Vc7nk), created a massive storm of protests from the netizens and beyond. Not that Mr. Narayana Murthy did not get any support […]
मैडम और गंगू बाई (४)

मैडम और गंगू बाई (४) आज सवेरे, मैडम ने डांट के बजाय, एक मुस्कान से गंगू बाई का अभिवादन कियागंगू बाई का माथा ठनका, मन ही मन सोचा कि आज डांट के बजाय ऐसा कैसे हो गया माहौल ख़राब न हो जाए इस डर से, उन्होने बात आगे नहीं बढ़ाईपर थोड़ी ही देर में, मैडम […]
मैडम और गंगू बाई (३)

मैडम और गंगू बाई (३) मैडम जी को आवाज़, उनकी शख़्सियत की तरह, दबंग मिली थीजब वह बोलतीं, तो sound meter की सूई, 80 dB के पार होती थी जिसे फोन किया उसके घर में, बिना स्पीकर फोन के, वार्तालाप सबको सुनाई पड़ता थाकइयों के कई बार, धीरे बोलने के सुझावों का, उन पर कोई […]
कौन बदलता है?

कौन बदलता है? वो नहीं बदले, जो कहते थे कि तुम बदलो,वो भी नहीं बदले, जिन्हे हमने कहा बदलो ।इन्ही उपदेशों के चलते, हुए कई द्वंद्व और संग्राम,हुए विध्वंस शांति, जीव, पर न वो बदले न हम बदले । — विनोद
मजबूरी की शांति
हर शाम, गंगू बाई से काम करा कर थकी हुई गृहणियों का, जमावड़ा हुआ करता था कुछ अपने घर, ज्यादह दूसरों के घर, की बातों के बीच, ठहाकों से बड़ा शोर हुआ करता था एक दिन आश्चर्य से, भीड़ बड़ी थी, पर बातें सिर्फ़ फुसफुसाहटों में हो रही थीं जाँच-पड़ताल की, तो पता चला, आज […]