फूल की मुस्कराहट

बाग़ का फूल, अपना पराग दे कर मुरझा जाता है

पूजा का फूल अपना आशीर्वाद देकर मुरझा जाता है

गुलदस्ते का फूल आनंद देकर कुछ दिनों में मुरझा जाता

कागज़ का फूल अपना रंग दिखा कर फिर मैला हो जाता है

लेकिन—अपने पहले प्यार का दिया फूल
जो किताब के पन्नो में संजोया है
न मैला होता है, न भूला जाता है,
बस पुरानी यादें और खुशबू देकर हमेशा जीता है
और मुस्कराता है

— राम बजाज

Leave a Reply

This site uses Akismet to reduce spam. Learn how your comment data is processed.