सिर्फ़ उन्हें आता है

सिर्फ़ उन्हें आता है

उनसे अपने दिल का लगाना, हमे आता है
पर दिल्लगी करना, सिर्फ उन्हें आता है

दिल्लगी — उपहास

साकी से नज़र मिलाना, हमें आता है
ऐसी खूबसूरत हरकत पे ऐतराज़ करना, सिर्फ उन्हे आता है

ऐतराज़ — आपत्ति

आशिकों की किताब में कभी, हमारा भी उम्दा नाम था
पर जहाँ में हमें बदनाम करना, सिर्फ उन्हें आता है

उम्दा — अच्छा , जहाँ–संसार

दर्दे दिल के ग़म को सहना, हमें भी आता है
इस दिल को तड़पाना, सिर्फ उन्हें आता है

ग़म के मरे दिल को तो, बस एक जाम का इंतज़ार है
नाराज़गी और नखरे दिखाना, सिर्फ उन्हें आता है

जाम — शराब से भरा ग्लास, नाराज़गी—अप्रसन्नता

हम क्या बताएं ज़िन्दगी का हाल कैसा है
गर बोल दें तो बेएतबार करना, सिर्फ उन्हें आता है

ग़र — अगर, बेएतबार — विश्वास न करना

— राम बजाज

यादों के साये (Nostalgia)

मुट्ठी में दुअन्नी

बचपन में हम एक छोटी सी औद्योगिक बसाहट में रहते थे – तीन बँगले, ८-१० क्वार्टर, मजदूरों की बस्ती, एक डिस्पेंसरी और बैरकनुमा ऑफिसों के

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पद्य (Poetry)

Dear Rain

My love, my heart whispers to you,In your gentle drops, my soul renews.You bring a smile, a soft delight,Farmers’ hearts rejoice, with hope so bright.

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गद्य (Prose)

मेरी अज्जी और मैं (९/२१)

शुरुआत में जाइए मेरी अज्जी और मैं (१/२१) स्त्री परिवार की धुरी होती है; परिवार समाज की बुनियादी इकाई होता है; समाज मिलकर राष्ट्र को

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