Self-Realisation (5)

“Dare to be free,

Dare to go as far as your thought leads,

and Dare to carry that out in your life.

— Swami Vivekanand

आत्मबोध (५)

स्वतंत्र होने की हिम्मत करें,

जितनी दूर तक आपके विचार ले जाते हैं, वहां तक जाने की हिम्मत करें,

और इसे अपने जीवन में उतारने की हिम्मत करें।

— स्वामी विवेकानंद

Image Credit: Thomas Harrison, Public domain, via Wikimedia Commons

वाव / बावड़ी /Step-well

मनुष्यों के अस्तित्व के लिए पानी आवश्यक है । इसलिए, जैसे-जैसे मानव जाति खानाबदोश “शिकार-संग्रह” जीवन शैली से “कृषिवाद” तक आगे बढ़ी, उन्होंने एक स्थान

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गद्य (Prose)

अडालज की वाव

हमारा पहला पड़ाव था “अडालज की वाव” ।  वाव या बावड़ी या, अंग्रेज़ी में, Stepwell, का इतिहास बहुत पुराना है ।  पानी को संचय करनेवाली

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