Don’t just say that you have read books.

Show that through them you have learned to think better.

— Epicetus

प्रज्ञता (१०)

यह मत कहें कि आपने किताबें पढ़ी हैं,

दिखाएं कि उनके माध्यम से आपने बेहतर सोचना सीखा है।

— एपिक्टेटस

Image Credit: Louvre Museum, CC BY 2.5 https://creativecommons.org/licenses/by/2.5, via Wikimedia Commons

लफ़्ज़ों में क्या रखा है

कहा कुछ तुमने ?– सुना नहीं, दुआ थी या बद्दुआ,  पता नही । हाँ और ना से,  हक़ीक़त बदलते देखी बातों  का अब  मुझे, आसरा नहीं ।

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यादों के साये (Nostalgia)

मुट्ठी में दुअन्नी

बचपन में हम एक छोटी सी औद्योगिक बसाहट में रहते थे – तीन बँगले, ८-१० क्वार्टर, मजदूरों की बस्ती, एक डिस्पेंसरी और बैरकनुमा ऑफिसों के

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