Prosperity or Happiness

I do not want India to be an economic superpower,

I want India to be a happy country.

— J.R.D. Tata

समृद्धि या खुशी

मैं नहीं चाहता कि भारत एक आर्थिक महाशक्ति बने,

मैं चाहता हूं कि भारत एक खुशहाल देश बने ।

जहांगीर रतनजी दादाभॉय टाटा

लफ़्ज़ों में क्या रखा है

कहा कुछ तुमने ?– सुना नहीं, दुआ थी या बद्दुआ,  पता नही । हाँ और ना से,  हक़ीक़त बदलते देखी बातों  का अब  मुझे, आसरा नहीं ।

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यादों के साये (Nostalgia)

मुट्ठी में दुअन्नी

बचपन में हम एक छोटी सी औद्योगिक बसाहट में रहते थे – तीन बँगले, ८-१० क्वार्टर, मजदूरों की बस्ती, एक डिस्पेंसरी और बैरकनुमा ऑफिसों के

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