The mysterious nature of love is that no one has ever, to my knowledge,

arrived at a truly satisfactory definition of love.

—-M. Scott Peck

प्रेम की प्रकृति

प्रेम की रहस्यमय प्रकृति यह है, मेरी जानकारी के अनुसार,

कि कोई भी इसे सही अर्थों में परिभाषित नहीं कर सका है ।

— ऐम. स्कॉट पेक

लफ़्ज़ों में क्या रखा है

कहा कुछ तुमने ?– सुना नहीं, दुआ थी या बद्दुआ,  पता नही । हाँ और ना से,  हक़ीक़त बदलते देखी बातों  का अब  मुझे, आसरा नहीं ।

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यादों के साये (Nostalgia)

मुट्ठी में दुअन्नी

बचपन में हम एक छोटी सी औद्योगिक बसाहट में रहते थे – तीन बँगले, ८-१० क्वार्टर, मजदूरों की बस्ती, एक डिस्पेंसरी और बैरकनुमा ऑफिसों के

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