अर्सा (लंबा समय) हो गया , “बदले” का इंतज़ार करके
थके बदले ने भी अब, बदलने की ठान ली है

गर्ज़ (जरूरत) है आपकी मुहब्बत का
अर्ज़ (निवेदन) है आपकी इनायत का

शिकायत है आपसे, मुहब्बत के इजहार (अभिव्यक्ति) का
शुक्र है आपका, जनाज़े से पहले बताने का

आपकी बातों से दिल गुनगुना हो जाता है
आपकी यादों से तो दिल गुदगुदा जाता है

उसकी रहमतों को अहमियत (महत्व) दे, बंदे
अपनी ख्वाहिशों को तकफीफ (कम कर) दे, बंदे

— राम बजाज

यादों के साये (Nostalgia)

मुट्ठी में दुअन्नी

बचपन में हम एक छोटी सी औद्योगिक बसाहट में रहते थे – तीन बँगले, ८-१० क्वार्टर, मजदूरों की बस्ती, एक डिस्पेंसरी और बैरकनुमा ऑफिसों के

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पद्य (Poetry)

Dear Rain

My love, my heart whispers to you,In your gentle drops, my soul renews.You bring a smile, a soft delight,Farmers’ hearts rejoice, with hope so bright.

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गद्य (Prose)

मेरी अज्जी और मैं (९/२१)

शुरुआत में जाइए मेरी अज्जी और मैं (१/२१) स्त्री परिवार की धुरी होती है; परिवार समाज की बुनियादी इकाई होता है; समाज मिलकर राष्ट्र को

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