If you tell the truth, you don’t have to remember anything.

— Mark Twain

सच और याददाश्त

अगर आप सच बोलते हैं, तो आपको कुछ भी याद रखने की जरूरत नहीं पड़ेगी ।

— मार्क ट्वेन

Image Credit

यादों के साये (Nostalgia)

मुट्ठी में दुअन्नी

बचपन में हम एक छोटी सी औद्योगिक बसाहट में रहते थे – तीन बँगले, ८-१० क्वार्टर, मजदूरों की बस्ती, एक डिस्पेंसरी और बैरकनुमा ऑफिसों के

Read More »
पद्य (Poetry)

Dear Rain

My love, my heart whispers to you,In your gentle drops, my soul renews.You bring a smile, a soft delight,Farmers’ hearts rejoice, with hope so bright.

Read More »
गद्य (Prose)

मेरी अज्जी और मैं (९/२१)

शुरुआत में जाइए मेरी अज्जी और मैं (१/२१) स्त्री परिवार की धुरी होती है; परिवार समाज की बुनियादी इकाई होता है; समाज मिलकर राष्ट्र को

Read More »