मैडम और गंगू बाई (४)
आज सवेरे, मैडम ने डांट के बजाय, एक मुस्कान से गंगू बाई का अभिवादन किया
गंगू बाई का माथा ठनका, मन ही मन सोचा कि आज डांट के बजाय ऐसा कैसे हो गया
माहौल ख़राब न हो जाए इस डर से, उन्होने बात आगे नहीं बढ़ाई
पर थोड़ी ही देर में, मैडम खुद ही, फूली नहीं समाती, उसके पास आईं
बोलीं, “गंगू बाई, आज मैं बहुत खुश हूँ क्यों कि मेरा वजन Lo पर आ गया”
गंगू बाई चौंकीं, मैडम को दो तीन बार ध्यान से देख सोचा “ऐसा कैसे हो गया?”
दो तीन घंटे सोचती रहीं, फिर उनके दिमाग की बत्ती जली, और उन्हे समझ आया
हंस कर बोलीं “अरे मैडम जी, मशीन ने आपका वजन नहीं बैटरी का level था दिखाया”

बस, उसी क्षण गंगू बाई की गाड़ी “हाइवे” से “बेंगलुरु की सड़कों” पर आ गई ।
— विनोद
Image Credit: https://pixabay.com/vectors/cartoon-cleaning-comic-characters-2029192/
-
मैडम और गंगू बाई (१)
अपराधी कौन? अचानक चौके से कांच का बर्तन टूटने की आवाज़ आईमन ही मन सोचा “आज तो गंगू बाई की…
-
मैडम और गंगू बाई (२)
कम्युनिकेशन प्रॉब्लम (Communication Problem) आज फिर मेज पर, गलत डिशेज़ और कटलरी थी आईदेख कर पारा चढ़ा, और मैडम जी…
-
मैडम और गंगू बाई (३)
मैडम और गंगू बाई (३) मैडम जी को आवाज़, उनकी शख़्सियत की तरह, दबंग मिली थीजब वह बोलतीं, तो sound…