कबीर दास जी से प्रेरित कुछ दोहे — ४

यह दोहे श्री अनूप जलोटा के गाये हुए  “कबीर  दोहे” की धुन पर सजते हैं

चिंता तबहू कीजिये, गर चिंता से सुख होय 
चिंता को तज दीजिये, मन की शांति  होय

दान न बड़ा, न छोटा, गर उसमे नाम नहीं

गर दान दे नाम माँगे, तो व्यापार है, दान नहीं 

कबीरा हांडी प्रेम की, कभी नहीं भर पाए
प्रेम की इतनी भूख है, कभी नहीं मिट पाए

— राम बजाज

Image Credits:
https://www.tentaran.com/happy-kabir-das-jayanti-wishes-status-images/

वाव / बावड़ी /Step-well

मनुष्यों के अस्तित्व के लिए पानी आवश्यक है । इसलिए, जैसे-जैसे मानव जाति खानाबदोश “शिकार-संग्रह” जीवन शैली से “कृषिवाद” तक आगे बढ़ी, उन्होंने एक स्थान

Read More »
गद्य (Prose)

अडालज की वाव

हमारा पहला पड़ाव था “अडालज की वाव” ।  वाव या बावड़ी या, अंग्रेज़ी में, Stepwell, का इतिहास बहुत पुराना है ।  पानी को संचय करनेवाली

Read More »