कबीर दास जी से प्रेरित कुछ दोहे — ३

ये दोहे श्री अनूप जलोटा के गाये हुए  "कबीर  दोहे" की धुन पर सजते हैं

हिन्दू, बौद्ध, जैन, ईसाई, सिख तथा इस्लाम ।
धर्मों के छ: नाम हैं यह, पर हैं सब एक समान ॥

चिंतन जो मानुष करे, हो भव-सागर पार ।
सेवा जग की जो करे, पाए शांति अपार ॥

ईर्ष्या से बच कर रहो, ईर्ष्या ऐसा दोष ।
सुख और चैन को छीन कर, भस्म करे संतोष ॥

— राम बजाज

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वाव / बावड़ी /Step-well

मनुष्यों के अस्तित्व के लिए पानी आवश्यक है । इसलिए, जैसे-जैसे मानव जाति खानाबदोश “शिकार-संग्रह” जीवन शैली से “कृषिवाद” तक आगे बढ़ी, उन्होंने एक स्थान

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गद्य (Prose)

अडालज की वाव

हमारा पहला पड़ाव था “अडालज की वाव” ।  वाव या बावड़ी या, अंग्रेज़ी में, Stepwell, का इतिहास बहुत पुराना है ।  पानी को संचय करनेवाली

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