दोस्ती की नज़र

दोस्ती की नज़र कह ना पायेंगे कभी एहसान तेरा, मेरे दोस्तशुक्रिया कहने को निकले, आँख नम सी हो गयीसूरज की गर्मी से पिघले, जब मिले इक मोड़ परतेरे आने से भला क्यूँ, धूप ठंडी हो गयी हाथ मेरा, तेरे संग, जब भी उठा फरियाद मेंमुस्कुरा के हँस दिया “वो”, मेहरबानी हो गयीहमने जन्नत की झलक, […]

मैडम और गंगू बाई (२)

कम्युनिकेशन प्रॉब्लम (Communication Problem) आज फिर मेज पर, गलत डिशेज़ और कटलरी थी आईदेख कर पारा चढ़ा, और मैडम जी जोर से चिल्लाईं“अरे ओ गंगू बाईये क्या बर्तन ले आईसौ बार बताने पर भी बात क्यों समझ में नहीं आई?” गंगू बाई बोलीं इतने साल से, मैडम जी, मैं आपके साथ काम करती आईमुश्किल है […]

अन्दर-बाहर

हमारी भावनाएँनन्हे शिशुओं की तरह खेलती रहती हैंमन के धूल भरे आँगन में हाथ-पैर लिथड़ जाते हैं धूल मेंकपड़ों पर फैल जाती है गंदगीऔर अँगनाई के कच्चे कोने की मिट्टीलार में लिपट करबन जाती है गालों का चंदन परजब कोई उन्हें देखने आता है –या हम ही उन्हें किसी को दिखलाने जाते हैंतो चटपट पोंछ […]

खोज

खोज मैं निकला था ढूँढने उसको,जिसने जग की रचना की है हर सुबह को सूरज आए, रात को जिसने चाँदनी दी है | लहराती शाखें पेड़ों की, गीत गा रही एक ही लय मेंगर तुम समझो तो समझाना, हमको रंगत किसने दी है? भँवरे डाल डाल पर झूमें, फूलों का रस चख के पूछेंख़ुशबू में […]

Happy Valentine’s Day

Valentine, a time to romance, Joining hands — sing and dance, Roses, chocolates, diamonds glow,Love has filled the air, I know. “Love” is essence of our living,Connects the soul beyond misgiving,Friendship pledges, to be together,Lasting love through every weather. Let’s find “NEWER” ways to touch today,Some stranger who is sad & grey,Send gift of “love” […]

मैडम और गंगू बाई (१)

अपराधी कौन? अचानक चौके से कांच का बर्तन टूटने की आवाज़ आईमन ही मन सोचा “आज तो गंगू बाई की है शामत आई”सन्नाटा बना रहाबहुत ही आश्चर्य हुआदेखा तो पता चला, तश्तरी तो मैडम जी ने थी गिराई — विनोद Image Credit: https://pixabay.com/vectors/cartoon-cleaning-comic-characters-2029192/

Colors of Love

Colors of Love I walked through a park, one quiet summer day,I was a tad down, and needed to get away.So suddenly I noticed, the colorful butterflyStealing nectar from the flowers, before leaping in the skyOrange, yellow, purple, pink rows of flowers tallEach color more dazzling, in this nature’s mall The garden ——————- Colors are […]

बन्दर की पूंछ

बन्दर की पूंछ (पंचतंत्र की एक कहानी पर आधारित) बहुत दिनों पहले जंगल में, रहते थे कुछ बन्दरइधर कूदते, उधर फाँदते, खेला करते दिन भर इसी झुण्ड मे था इक बन्दर, चंचल और शैतानइसे छेड़ना, उसे तोड़ना, यही था उसका काम एक दोपहर, वह सब बन्दर, पहुंचे एक जगह परकारीगर कुछ, बना रहे थे, एक […]

पीना तो बनता है

पीना तो बनता है नयी सहर हो गयी, पीना तो बनता हैखुदा का नाम लिया, पीना तो बनता है सहर — सुबह नाश्ते की डकार के बाद, पीना तो बनता हैखाने के पहले बोतल से, पीना तो बनता है खाने के साथ एक गिलास से, पीना तो बनता हैखाना हज़म करने के लिए, पीना तो […]

सर्जन का संगीत

सर्जन का संगीत धरती पर झरते रहते हैं बीज निरंतरकितने उनमें वृक्ष घनेरे/नन्हे पौधे बन पाते हैं?उन्हें चाहिए क्षिति-जल-पावक-गगन-समीरण —धरती — जो अपनी गोदी में उन्हें सँजोए;जल उनको जीवन रस दे; पावक दे ऊर्जा;दिशा-दिशा में बढ़ने को अवकाश गगन दे;सक्रियता दे पवन उन्हें जीवंत बनाए — पर इतना पाने पर भी क्या सारे बीयेलहर-बहर ऊँचे […]