कहत कबीर ५४
मन सब पर असवार है, पैड़ा करे अनंत ///// कंचन को तजबो सहज, सहल त्रिया को नेह कबीरदासजी संत कहे…
You Create | We Publish
You Create | We Publish
मन सब पर असवार है, पैड़ा करे अनंत ///// कंचन को तजबो सहज, सहल त्रिया को नेह कबीरदासजी संत कहे…
“I will not look at another’s bowl intent on finding fault” — a training to be observed — Gautam Buddha…
Kabeerdaas ji is categorized as a saint but his thoughts and compositions are not confined to religion, spirituality, meditation and…
सब ही भूमि बनारसी, सब निर गंगा होय ///// जीवन में मरना भला, जो मरि जाने कोय कबीरदासजी संत कहे…
अहिंसा की शुरुआत शक था मन में ज़िंदगी, हिंसा बिना कैसे जीऊँ,कोई आए मारने तो शांति से पिटता रहूँ?धर्म ये…
Kabeerdaas ji is categorized as a saint but his thoughts and compositions are not confined to religion, spirituality, meditation and…
सुख के संगी स्वारथी, दुःख में रहते दूर । ////// पहिले यह मन काग था, करता जीवन घात । कबीरदासजी…
Kabeerdaas ji is categorized as a saint but his thoughts and compositions are not confined to religion, spirituality, meditation and…
हरि गुन गावै हरषि के, हिरदय कपट न जाय । ////// बूझ सरीखी बात है, कहन सरीखी नाहिं। कबीरदासजी संत…
तुरुक मसीहत देहर हिंदू, आप आप को धाय । ////// हंसा बगुला एक सा, मानसरोवर माँहि । कबीरदासजी संत कहे…