दाल खाये सैयां हमार

(पान खाये सैयां हमार की तर्ज़ पर ) दाल खाये सैयां हमारोउसमें डाले वो, ठर्रे का पावहाय हाय अब क्या करूँ मैं,रात दिन मैं तो, हूँ बेहालदाल खाएँ — रात में जब वो, आकर सोए,शोर करे वो, दोनो तरफ़ सेरात में जब वो, आकर सोए,शोर करे वो, दोनो तरफ़ सेआ आ आबापू, अम्मा, बच्चे रोयेंकुछ […]

आज सोचा तो आँसू भर आए (२)

(“हँसते जख्म” के गाने आज सोचा तो आँसू भर आए की तर्ज़ पर ) मधुमेह से प्रभावित (Diabetic) व्यक्तियों के लिए आज सोचा तो आँसू भर आएमुद्दतें हो गयीं मीठा खाए रोज़ रोज़ मुझे ये तड़पाएनज़रों से और ख़ुशबू से रुलाए हाथ जैसे उठे उसको खानेहोश और हवास डगमगाए एक आख़िरी ख़्वाहिश है मेरीमुझको सपनों […]

आज सोचा तो आँसू भर आए (१)

(“हँसते जख्म” के गाने आज सोचा तो आँसू भर आए की तर्ज़ पर ) तुमने सोचा कि हम क्यों न रोयेआहें भर बस , यूँ ही गुनगुनाए धड़कनों ने कहा धड़कनों सेतेज़ ना चल कहीं थम ना जाए दिल की तड़पन को तुमने ना जानाहमको दर्दों को आए छुपाना एक तरफ़ा नहीं प्यार उनकाइस इशारे […]