दोस्त, दोस्त ना रहा

Read in English जीवन में हम कई लोगों से मिलते हैं, प्रत्येक की अपनी विलक्षणता होती है – आदतें, क्रियाएँ, विचार, जो समाज में “अपेक्षित” से अलग होते हैं । इनकी अभिव्यक्ति नकारात्मक भी हो सकती है और सकारात्मक भी । वह किसी को चोट नहीं पहुंचाती, बल्कि ऐसी स्थिति पैदा करती है जो मज़ेदार […]

Funny (1)

You should always go to your friends’ funeral, otherwise they will not come to yours. — Yogi Berra हास्यकर (१) दोस्तों के अंतिम संस्कार में हमेशा जाना चाहिए, वरना हमारे अंतिम संस्कार में वे नहीं आएँगे । — योगी बेरा

मैडम और गंगू बाई (४)

मैडम और गंगू बाई (४) आज सवेरे, मैडम ने डांट के बजाय, एक मुस्कान से गंगू बाई का अभिवादन कियागंगू बाई का माथा ठनका, मन ही मन सोचा कि आज डांट के बजाय ऐसा कैसे हो गया माहौल ख़राब न हो जाए इस डर से, उन्होने बात आगे नहीं बढ़ाईपर थोड़ी ही देर में, मैडम […]

दाल खाये सैयां हमार

(पान खाये सैयां हमार की तर्ज़ पर ) दाल खाये सैयां हमारोउसमें डाले वो, ठर्रे का पावहाय हाय अब क्या करूँ मैं,रात दिन मैं तो, हूँ बेहालदाल खाएँ — रात में जब वो, आकर सोए,शोर करे वो, दोनो तरफ़ सेरात में जब वो, आकर सोए,शोर करे वो, दोनो तरफ़ सेआ आ आबापू, अम्मा, बच्चे रोयेंकुछ […]

Karma

Karma A young IT professional, while walking downtown, notices a sign for a new restaurant “Karma”. He was hungry and decides to give it try. He walks in and is greeted by a waiter who tells him about the novel approach of this restaurant. He tells him that there is no menu and “you get […]

आज सोचा तो आँसू भर आए (२)

(“हँसते जख्म” के गाने आज सोचा तो आँसू भर आए की तर्ज़ पर ) मधुमेह से प्रभावित (Diabetic) व्यक्तियों के लिए आज सोचा तो आँसू भर आएमुद्दतें हो गयीं मीठा खाए रोज़ रोज़ मुझे ये तड़पाएनज़रों से और ख़ुशबू से रुलाए हाथ जैसे उठे उसको खानेहोश और हवास डगमगाए एक आख़िरी ख़्वाहिश है मेरीमुझको सपनों […]

मैडम और गंगू बाई (३)

मैडम और गंगू बाई (३) मैडम जी को आवाज़, उनकी शख़्सियत की तरह, दबंग मिली थीजब वह बोलतीं, तो sound meter की सूई, 80 dB के पार होती थी जिसे फोन किया उसके घर में, बिना स्पीकर फोन के, वार्तालाप सबको सुनाई पड़ता थाकइयों के कई बार, धीरे बोलने के सुझावों का, उन पर कोई […]

छल्लों वाली गाड़ी

मेरे बहनोई अपने को बड़ा तीस-मार खां समझते हैं । किसी तरह सातवीं पास करने के बाद अपने बाप की बिज़नस में लग कर बड़ा पैसा कमाया है । खैर, उन्होंने एक ऑटोमैटिक-ट्रांसमिशन वाली, छल्लों-वाली गाड़ी, Audi, खरीदी और उसे चला कर बड़े ही घमंड के साथ घूमते थे, और ड्राईवर साथ बैठा होता था […]

मजबूरी की शांति

हर शाम, गंगू बाई से काम करा कर थकी हुई गृहणियों का, जमावड़ा हुआ करता था कुछ अपने घर, ज्यादह दूसरों के घर, की बातों के बीच, ठहाकों से बड़ा शोर हुआ करता था एक दिन आश्चर्य से, भीड़ बड़ी थी, पर बातें सिर्फ़ फुसफुसाहटों में हो रही थीं जाँच-पड़ताल की, तो पता चला, आज […]

मैडम और गंगू बाई (२)

कम्युनिकेशन प्रॉब्लम (Communication Problem) आज फिर मेज पर, गलत डिशेज़ और कटलरी थी आईदेख कर पारा चढ़ा, और मैडम जी जोर से चिल्लाईं“अरे ओ गंगू बाईये क्या बर्तन ले आईसौ बार बताने पर भी बात क्यों समझ में नहीं आई?” गंगू बाई बोलीं इतने साल से, मैडम जी, मैं आपके साथ काम करती आईमुश्किल है […]