मेरी अज्जी और मैं (२१/२१)

हमारी प्यारी-प्यारी आई श्रीमती हेमलता खोत, जिनका विवाह-पूर्व का नाम कुमारी सुनंदा धाकप्पा था, बड़ी सीधी-सादी थीं, एक शुद्धआत्मा! वे कुछ भीरु-सी मिष्टभाषी महिला थीं जिनकी खिली-खिली मुस्कान उस सुंदर चेहरे को मानो उजाल देती थी ! सौम्यता और सहृदयता की वे प्रतिमूर्ति थीं और हर चीज़ के प्रति उनका नज़रिया बड़ा सकारात्मक और ख़ुशमिज़ाज […]

मेरी अज्जी और मैं — लेखक के बारे में

डॉ. नीलिमा कडाम्बी पेशे से एक सर्जन और स्वास्थ्यरक्षक हैं । जनकल्याण और समग्रस्वस्थता से जुड़ाव इनका केवल पेशा ही नहीं, बल्कि जुनून है । ५० वर्ष की उम्र से इहोंने अपने समय का ५०% समय समाज के बच्चों और वरिष्ठ जनों के लिए स्वैच्छिक सेवा कार्य को समर्पित कर रखा है । नीलिमा ३६ […]

मेरी अज्जी और मैं — अज्जी के जीवन की महत्वपूर्ण तिथियाँ

व्यक्तिगत घटनाएँ जुड़ी वैश्विक घटनाएँ     ७ मई १८९७अकुबाई चिटणीस का जन्म       २१ जून १८९९ गोपालराव (आज़ोबा) का जन्म २१ जून १८९९ साल का सबसे लंबा दिन     दिसंबर १८९९ श्री चिटणीस (अकु के पिताजी) कीप्लेग से मृत्यु १८९७ – १८९९भारत में प्लेग की महामारी     १९०६ बाल-विवाहअकुताई रखमाबाई […]

मेरी अज्जी और मैं — नीलिमा के जीवन की महत्वपूर्ण तिथियाँ

व्यक्तिगत घटनाएँ जुड़ी वैश्विक घटनाएँ ६ जनवरी १९६३नीलिमा का जन्म (मुंबई)विवेक का जन्म (बंगलौर) ६ जनवरी १९६३वैकुंठ एकादशी   १९६३ से १९६९बचपन, मुंबई में १९६९ से १९७४खोत परिवार, जापान में १९७२बंग्लादेश का स्वतंत्रता संग्राम १९७८ – १९८०विवेक और नीलिमा की फरग्यूसन कॉलेज में पहली मुलाकात १९८० – १९८५विवेक और नीलिमा, बी. जे. मेडिकल कॉलेज में […]

मेरी अज्जी और मैं — समाप्ति पृष्ठ

सन १८९७ में एक दरिद्र परिवार में जन्म २ वर्ष की आयु में ही पिता को खो दिया ९ वर्ष की आयु में विवाह १० वर्ष की आयु में बाल-विधवा २९ वर्ष की आयु में डॉक्टर की डिग्री हासिल ९२ वर्ष की दीर्घायु पाई “मेरी अज्जी और मैं” मेरी दादी के जीवन-वृत्त को समेटे है […]

मेरी अज्जी और मैं — आभार

मैं इस पुस्तक के शोध, लेखन, संपादन और प्रकाशन के साथ मुझे प्रेरित करने और मेरी मदद करने के लिए अनेकानेक लोगों को धन्यवाद देना चाहती हूं।  पिछले कुछ वर्षों में उनके प्रोत्साहन और समर्थन ने इस पुस्तक को एक वास्तविकता बना दिया है । श्रीमती कमल खोत, श्रीमती लीला दशेपांडे, श्रीमती कुंदाताई नेने, डॉ. […]

मेरी अज्जी और मैं — पुस्तक समर्पण

यह पुस्तक समर्पित है —– परम प्रेम और श्र्द्धा के साथ मेरी प्रिय अज्जी – डॉ. सरलादेवी खोत को, जो सदा मेरी गुरु और जीवन में मेरी आदर्श रही हैं और मेरी प्यारी माँ – श्रीमती हेमलता खोत को, जो जीवन में सदा मेरी दोस्त, संदर्शिका और मार्गदर्शक रही हैं और मुझ पर जिनका विश्वास […]