मैडम और गंगू बाई (३)

मैडम और गंगू बाई (३)

मैडम जी को आवाज़, उनकी शख़्सियत की तरह, दबंग मिली थी
जब वह बोलतीं, तो sound meter की सूई, 80 dB के पार होती थी

जिसे फोन किया उसके घर में, बिना स्पीकर फोन के, वार्तालाप सबको सुनाई पड़ता था
कइयों के कई बार, धीरे बोलने के सुझावों का, उन पर कोई असर नहीं पड़ता था

एक रोज़ गंगू बाई ने, मालकिन के घर पर होते हुए भी, बड़ी शांति पाई
“कहीं मालकिन का दिल तो धड़कना बंद नहीं हो गया”, सोच कर गंगू बाई घबराई (मुस्काई?)

चुपके से जाकर देखा, मैडम, बिस्तर पर लेटी, फोन पर फुसफुसा कर बातें कर रही थीं
आश्चर्य के साथ कुतूहल भी हुआ, तो बड़ी कोशिश कर के, ध्यान से बातें सुनीं

तब शांति का कारण समझ में आया, क्यों कि वहाँ तो प. नि. प. च. हो रही थी

(निन्दा र्चा)

— विनोद

Image Credit: https://pixabay.com/vectors/cartoon-cleaning-comic-characters-2029192/

  • मैडम और गंगू बाई (१)

    अपराधी कौन? अचानक चौके से कांच का बर्तन टूटने की आवाज़ आईमन ही मन सोचा “आज तो गंगू बाई की है शामत आई”सन्नाटा बना रहाबहुत ही आश्चर्य हुआदेखा तो पता चला, तश्तरी तो मैडम जी ने थी गिराई — विनोद Image Credit: https://pixabay.com/vectors/cartoon-cleaning-comic-characters-2029192/

  • मैडम और गंगू बाई (२)

    कम्युनिकेशन प्रॉब्लम (Communication Problem) आज फिर मेज पर, गलत डिशेज़ और कटलरी थी आईदेख कर पारा चढ़ा, और मैडम जी जोर से चिल्लाईं“अरे ओ गंगू बाईये क्या बर्तन ले आईसौ बार बताने पर भी बात क्यों समझ में नहीं आई?” गंगू बाई बोलीं इतने साल से, मैडम जी, मैं आपके साथ काम करती आईमुश्किल है…

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पद्य (Poetry)

Dear Rain

My love, my heart whispers to you,In your gentle drops, my soul renews.You bring a smile, a soft delight,Farmers’ hearts rejoice, with hope so bright.

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