जनाबे -आला, मेहरबान
हमने आप से प्यार कर लिया, तो कर लिया,
आप माने या ना माने
हम ने आपकी यादों को सजा लिया, तो सजा लिया ,
आप माने या ना माने
हमने तो आप को पुकार लिया, तो पुकार लिया,
आप सुनें या ना सुने
हमने तो दिल को समझा दिया, तो समझा दिया,
कि आप बेवफ़ा नहीं हैं
आप हमारे सामने नहीं आए, तो नहीं आए,
दिल में तो हैं ही
आप से हमें बड़ी मोहब्बत है, मोहब्बत है तो है
आप की ही तो मुरव्वत है
ख़ुदा से इनायत (दया) का इल्तिज़ा (प्रार्थना) कर आए, तो कर आए,
आप भी करें तो क्या मज़ा है
इल्तिज़ा तो है, इंतज़ार भी कर लिया, तो कर लिया
इंतज़ार का मजा कोई और ही है
आप हमारे सपनों में आए, आए तो आए
काश हम भी गौरे नज़र होते
सपनों की माला में आप का नाम पिरो लाए, तो पिरो लाए
ग़ज़ब होता गर नज़रे अन्दाज़ होता