कहत कबीर ५४

मन सब पर असवार है, पैड़ा करे अनंत ///// कंचन को तजबो सहज, सहल त्रिया को नेह कबीरदासजी संत कहे जाते हैं, पर इनके विचारों और रचनाओं का क्षेत्र केवल धर्म, अध्यात्म, चिंतन और भजन नहीं है। उन्होंने सांसारिक जीवन — व्यक्ति के चरित्र और व्यवहार; समाज की प्रचलित प्रथाओं, व्यवहारों और अंधविश्वासों; समाज में […]

Self-Realisation (4)

“I will not look at another’s bowl intent on finding fault” — a training to be observed — Gautam Buddha आत्मबोध (४) “मैं किसी दूसरे को, उसकी ग़लतियों को खोजने की दृष्टि से नहीं देखूंगा” – यह एक अनुसरण करने लायक अभ्यास है । — गौतम बुद्ध Image Credit: Prashanth Gopalan (https//www.worldhistory.org/image/4064/seated-buddha-figure-displaying-dharmachakra-mudra/)