साया

मेरा साया तो हमेशा मेरे आग़ोश में हैपर वह बस, तेरी ही रोशनी में नज़र आता है तेरी रोशनी में मैं तो क्यामेरा साया भी नज़र आता है न हो तू तो कहीं, कुछ भी नहीं दिखता है,तेरे आलोक से ही, मैं और मेरा साया नज़र आता है मेरे साये पर ना जा, साया तो […]
धूप
धूप नन्ही मुन्नी भोली सी बच्ची की तरहभोर की धूपअपनी सतरंगी फराक सबको दिखाने के लिएफुदकती हुईआसमान से उतर आती है… ऊँची छत पर पल दो पल सुस्ताकरचंचलता से नाचती हुई,गलियों में पहुँच जाती है… फिर दिन भर जलती दोपहरी मेंहाट बाट, चौराहों पर भटककर,सनसनाती लू के साथ तरह तरह के खेल खेलकरतीसरे पहर पाती […]
The Bhagwad Gita — Chapter 18

मोक्ष सन्यास योग Moksha Sanyaas Yoga The Bhagwad Gita Chapter 18 Sanjay Mehta मोक्ष सन्यास योग Moksha Sanyaas Yoga This chapter is a summary of Bhagwad Gita. First six chapters talk about who am I. I am the Self and not the body, the mind, or the intellect. We have wrongly identified ourselves with Body-Mind […]