Thus Spake Kabeer 22

Kabeerdaas ji is categorized as a saint but his thoughts and compositions are not confined to religion, spirituality, meditation and bhajans alone. He also deals with worldly life – the character and behaviour of individuals; practices (and malpractices) rampant in society; evils of caste system which divides people into ‘high’ and ‘low’ classes, etc. He […]
Thus Spake Kabeer 21

Kabeerdaas ji is categorized as a saint but his thoughts and compositions are not confined to religion, spirituality, meditation and bhajans alone. He also deals with worldly life – the character and behaviour of individuals; practices (and malpractices) rampant in society; evils of caste system which divides people into ‘high’ and ‘low’ classes, etc. He […]
मुट्ठी में दुअन्नी

बचपन में हम एक छोटी सी औद्योगिक बसाहट में रहते थे – तीन बँगले, ८-१० क्वार्टर, मजदूरों की बस्ती, एक डिस्पेंसरी और बैरकनुमा ऑफिसों के अहाते में एक राशन की दुकान – बस । अन्य सुविधाओं के लिए पास-दूर के गाँवों-कस्बों पर निर्भर रहना पड़ता था । ऐसी स्थिति में हमारे बड़े ही इंतज़ार, उत्साह […]
Schooling and Education
I have never let my schooling interfere with my education. — Mark Twain पढ़ाई-लिखाई और शिक्षा मैंने अपने ज्ञान हासिल करने की प्रक्रिया में अपनी स्कूली शिक्षा को कभी आड़े नहीं आने दिया । — मार्क ट्वेन Image Credit: https://pixabay.com/illustrations/mark-twain-american-author-writer-1602117/
कहत कबीर २२

जब मैं था तब हरि नहीं, अब हरि हैं मैं नाहिं । // समदृष्टी सतगुरु किया, मेटा भरम विकार । कबीर संत कहे जाते हैं, पर इनके विचारों और रचनाओं का क्षेत्र केवल धर्म, अध्यात्म, चिंतन और भजन नहीं है। उन्होंने सांसारिक जीवन — व्यक्ति के चरित्र और व्यवहार; समाज की प्रचलित प्रथाओं, व्यवहारों और […]
कहत कबीर २१

साधु भया तो क्या भया, बोले नाहिं बिचार । // मधुर बचन है औषधी, कटुक बचन है तीर । कबीर संत कहे जाते हैं, पर इनके विचारों और रचनाओं का क्षेत्र केवल धर्म, अध्यात्म, चिंतन और भजन नहीं है। उन्होंने सांसारिक जीवन — व्यक्ति के चरित्र और व्यवहार; समाज की प्रचलित प्रथाओं, व्यवहारों और अंधविश्वासों; […]
दाल खाये सैयां हमार
(पान खाये सैयां हमार की तर्ज़ पर ) दाल खाये सैयां हमारोउसमें डाले वो, ठर्रे का पावहाय हाय अब क्या करूँ मैं,रात दिन मैं तो, हूँ बेहालदाल खाएँ — रात में जब वो, आकर सोए,शोर करे वो, दोनो तरफ़ सेरात में जब वो, आकर सोए,शोर करे वो, दोनो तरफ़ सेआ आ आबापू, अम्मा, बच्चे रोयेंकुछ […]
दिल और दिमाग़
दिल और दिमाग़ जब दिल और दिमाग़ में समन्वय न हो तोन दिल सम्भलता है न दिमाग़ को चैन हैदिल प्यार ढूँढता है, दिमाग़ वैभव के पीछे हैदिल सुकून ढूँढता है, दिमाग शोर में शामिल हैमैं क्या करूँ एक ही मेरा दिल है, एक ही दिमाग़ है दिल रोना चाहता है, दिमाग़ बहस करता हैदिल […]
Root of Suffering

The root of suffering is attachment. — Gautam Buddha पीड़ा की जड़ पीड़ा की जड़ है — मोह — गौतम बुद्ध Image Credit: Prashanth Gopalan (https//www.worldhistory.org/image/4064/seated-buddha-figure-displaying-dharmachakra-mudra/)
कबीर दास जी से प्रेरित कुछ दोहे — ५

ये दोहे श्री अनूप जलोटा के गाये हुए “कबीर दोहे” की धुन पर सजते हैं रोते रोते आये थे, इस संसार में राम । हँसते, हँसते भेजना, इस दुनिया से राम ॥ नाम माँग कर जो करे, दान होवे बदनाम ।सच्चा दानी वो मानुष, करे दान बेनाम ॥ रामायण, गीता पढ़े, भजे हरी का नाम । गर उसका अहं बढ़े, […]